अगर अपनी विपत्ति को, तू हथियार बनाएगा !
अगर समय की ज्वाला में, तू खुद को जलाएगा !
तू रणविजय कहलायेगा, तू रणविजय कहलायेगा !!
अगर अपनी बुराई पे, तू खुद विजय पा जायेगा !
अगर आपराधिक सोंच को, तू खुद से मिटा पायेगा !
तू रणविजय कहलायेगा, तू रणविजय कहलायेगा !!
अगर असत्य पे सत्य की, तू ध्वजा लहराएगा !
अगर तू असंभव को, संभव कर जायेगा !
तू रणविजय कहलायेगा, तू रणविजय कहलायेगा !!
अगर आँधियों से भी, तेरा तीव्र वेग हो जायेगा !
अगर कठनाइयों से लड़कर, तू आगे बढ़ता जायेगा !
तू रणविजय कहलायेगा, तू रणविजय कहलायेगा !!
अगर ले हाँथ में गांडीव, तू पापियों को मिटा पायेगा !
अगर अत्याचरियों के लिए, तू कालपृष्ठ बन जायेगा !
तू रणविजय कहलायेगा, तू रणविजय कहलायेगा !!
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