तेरी यादों में यूँ...
डूबकर खो जाना !
तेरी अदाओं की हर झलक पे...
यूँ मेरा दिल से मुस्कुराना !
तेरी बेरुखी पे मेरी आँखों से...
यूँ दरिया का निकल जाना !
न जाने क्यों...
ये मेरी फितरत सी हो गयी है !!
हर पल तुझे यूँ...
खोने का डर सताना !
हर सांसों के साथ...
यूँ तेरा नाम गुनगुनाना !
तेरे सामने आने पर...
यूँ मेरा घबराना !
न जाने क्यों...
ये मेरी फितरत सी हो गयी है !!
यूँ मेरी दुनिया का...
बस तुझमे सिमट जाना !
हर वादियों के नज़ारे में...
बस तेरा नजर आना !
तेरी खिलखिलाती हंसी देखने को...
यूँ दिल का तड़प जाना !
न जाने क्यों...
ये मेरी फितरत सी हो गयी है !!
जागूँ तो हर पल...
यूँ तेरा ख्यालों में आना !
सो जाऊं तो आकर सपनों में...
तेरा यूँ मुझको सताना !
न चाहूँ मैं अब कुछ भी...
बस चाहूँ तेरा हो जाना !
न जाने क्यों...
ये मेरी फितरत सी हो गयी है !!
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2 Comments
Banaye rakhna is fitrat ko...
ReplyDeleteAksar fitrat se hi manjil hansil hoti h....
Wah, bahut sundar
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