धोखे के बाजार में...
हँस कर नीलाम हो गया !
की ये पाक मोहब्बत...
आज बदनाम हो गया !!
जो था अब तक अनमोल...
अब उसका दाम हो गया !
लग गयी इसकी बोली...
रुसवा ये सरे आम हो गया !!
की ये पाक मोहब्बत, आज बदनाम हो गया !!
मोहब्बत ये पहले...
कितना सच्चा हुआ करता था !
लैला की एक हंसी पे...
मजनू सौ बार मरा करता था !!
पर अब ये बस रहकर...
एक जरुरी काम हो गया !
की ये पाक मोहब्बत...
आज बदनाम हो गया !!
इश्क़ और आशिकी का...
वो भी एक दौर हुआ करता था !
जब एक झलक पे सनम की...
दिल हज़ार आहें भरता था !!
पर अब तो ये किस्सा...
बहुत ही आम हो गया !
की ये पाक मोहब्बत...
आज बदनाम हो गया !!
बदनाम हो गए आशिक़...
बदनाम आशिकी हो गयी !
किस्सा वफ़ा का, अब इश्क़ में तमाम हो गया...
की ये पाक मोहब्बत, आज बदनाम हो गया !!
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